Etawah News: हम गरीबन को कहां सरकारी लाभ मिलता है, चक्कर काटि काटि परेशान हो घर बैठे गए

आशीष कुमार
इटावा:
हम गरीबन को कहां सरकारी लाभ मिलता है, चक्कर काटि काटि परेशान हो घर बैठे गए
यह शब्द विकासखंड जसवंतनगर के अंतर्गत ग्राम भगवानपुरा निवासिनी बंजारा समाज की एक गरीब दिव्यांग बेवा महिला के हैं जिसके पैदल फेरी लगाकर हींग बेचने वाले पति की मौत पिछले महीने हुई है अब सरकारी स्कीमों से लाभ हासिल करने के लिए वह अपनी कागजी प्रक्रिया पूरी करने में परेशान है। वह कहती है कि न तो उसे अब तक कोई सरकारी आवास मिला और न ही शौचालय इस कारण वह खुले में शौच जाने को मजबूर है। सभी गरीबों को घर और शौचालय देने के सरकारी वायदे यहां फेल हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि अब नए प्रधान से उसकी उम्मीद जगी है।
35 वर्षीय बेवा राजकुमारी एक हाथ से दिव्यांग और पीठ पर कूबड़ निकला हुआ है वह मजदूरी करने में भी अक्षम दिखाई देती है। उसका एक बेटा 9 साल का अनमोल सरकारी स्कूल में कक्षा 3 का छात्र था जबकि छोटा बेटा मोनू अभी सिर्फ डेढ़ साल का है। गांव-गांव पैदल घूम घूम कर फेरी लगाकर हींग बेचने वाले गरीब बच्चू सिंह की 15 मई को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी अब उसकी बेवा राजकुमारी को मृत्यु प्रमाण पत्र से लेकर सरकारी सहायता हासिल करने हेतु कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए दर-दर पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। उस दुखियारी ने बताया कि तहसील और ब्लाक के चक्कर लगाते लगाते वह थक गई है।