Etawah News: आम आदमी पार्टी इटावा ने किसानों के समर्थन में देशव्यापी हड़ताल को लेकर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
संवाददाता गुलशन कुमार
इटावा: आम आदमी पार्टी इटावा ने आज कचहरी प्रांगण में किसानों के समर्थन में देशव्यापी हड़ताल को लेकर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। कृषि से संबंधित जो तीन बिल पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य कानून 2020,दूसरा कृषक मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020, तीसरा आवश्यक वस्तु कानून 2020 राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद दिनांक 27 सितंबर 2020 को भारत के राजपत्र में इन्हें प्रकाशित किया गया है।
उदारीकरण की नीतियों के बाद से किसानों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं अब तो कृषि समस्या ने एक संकट का रूप ही ले लिया है किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और फसल का उचित दाम उन्हें नहीं मिल रहा है इस कृषि संकट का ही नतीजा है कि देश में किसानों की आत्महत्याओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है अभी तक देश में चार लाख से अधिक किसान आत्महत्या करने को विवश हुए हैं मोदी के पिछले 6 सालों के राज में किसानों की आत्महत्या की दर में 40% की बढ़ोतरी हुई है अब सरकार ने किसान आत्महत्याओं के कोई भी आंकड़े प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है।
जब समूचा देश आर्थिक संकट की गिरफ्त में है देश का सकल घरेलू उत्पाद ऋणात्मक 23 प्रतिशत पर पहुंच गया है तब किसानों के अथक परिश्रम का ही नतीजा है कि इस वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में कृषि उत्पादन में 3.2% की वृद्धि दर्ज की गई है अगर यह वृद्धि नहीं होती तो सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट और भी अधिक हो जाती लेकिन इस परिश्रम का जो पुरस्कार किसानों को मोदी सरकार ने तीन कृषि विरोधी कानूनों के जरिए दिया है वह दरअसल किसानों के लिए मौत का फरमान ही है यह तीनों कानून किसानों की समस्याओं को हल करने के बजाय खेती किसानी के संकट को और बढ़ाने वाले हैं।
हमारे देश में सात हजार से ज्यादा मंडियां है यहां पर किसान अपनी उपज ले जाकर मंडियों के पंजीकृत व्यापारियों के पास सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य में दे सकते थे इन व्यापारियों को फसल खरीदने के लिए मंडी शुल्क देना पड़ता है इस प्रक्रिया से सरकार को भी कुछ राजस्व प्राप्त हुआ करता था मंडियों से बाहर फसल खरीदना अपराध था अब इस नए कानून के तहत व्यापारियों को इन मंडियों से बाहर खरीदने की छूट मिल गई है जिससे मजबूरन किसानों को समर्थन मूल्य से कम कीमत पर ओने पौने में उपज को बेचना पड़ता है।
इस बात को लेकर किसान चाहते हैं कि
(1) लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का कानून बनाया जाए।
(2) सरकार किसानों से उनकी सभी उपयोगी इस समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी करने का कानून बनाए।
(3) अगर कोई व्यापारी सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर किसानों से फसल खरीदी करता है तो इसे अपराध मानते हुए संबंधित दोषी व्यापारी पर कार्यवाही करते हुए उसे गिरफ्तार करने का कानून बनाना चाहिए।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने किसानों से वादा किया था की सत्ता में आने के बाद वह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करेगी लेकिन सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित रूप में हलफनामा देकर कहा कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकती है और अब सरकार ने इन नए कानूनों के जरिए न सिर्फ किसानों की फसल खरीदने की जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ लिया है बल्कि व्यावहारिक रूप से समर्थन मूल्य की प्रणाली को भी अघोषित रूप से समाप्त कर दिया है इसके कारण आपके साथ अपनी फसल के उचित दाम से वंचित हो जाएंगे और किसानों के लिए खेती किसानी करना और भी ज्यादा घाटे का सौदा हो जाएगा। महोदय इन कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ पूरे देश के किसान और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले सैकड़ों संगठन एकजुट होकर सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं इन कानूनों के विरोध में 25 सितंबर को सफल भारत बंद भी किया गया था जिससे देश के सभी प्रमुख मजदूर युवा छात्र महिला संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया था अब इसी प्रकार का 8 दिसंबर को “भारत बंद”का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसका हमारी आम आदमी आदमी पार्टी इटावा पूर्णतया समर्थन करती है।
ज्ञापन राष्ट्रपति महोदय को जिलाधिकारी के नाम अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।इस मौके पर इक़रार अहमद जिला उपाध्यक्ष, शशी बिंद यादव जिला कोषाध्यक्ष,मोहन सिंह यादव जिलासचिव, विनोद कुमार sc-st अध्यक्ष,अजब सिंह यादव नगर अध्यक्ष, रामदत्त विधानसभा जसवंत नगर, अध्यक्ष एडवोकेट वीरू कठेरिया, एडवोकेट विपिन लाल अंबेडकर इटावा विधानसभा अध्यक्ष महिला अध्यक्ष हेमलता, सुनीता देवी, अंकित कुमार अवधेश कुमार