सुनील पांडे : वरिष्ठ पत्रकार
देश की राजधानी का सर्वाधिक चर्चित स्थल शाहीन बाग में लगभग 3 माह से अधिक 101 दिन से चले आ रहे धरना प्रदर्शन को आज वहां की पुलिस ने हटवा दिया । 23 मार्च को शाहीन बाग में भारी संख्या में पहुंची पुलिस बल ने सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया। इस धरना प्रदर्शन स्थल पर पिछले 3
माह से कई बार पुलिस बल एवं उनके अधिकारियों ने इन प्रदर्शनकारियों को धरना प्रदर्शन समाप्त करके देश की मुख्यधारा में शामिल होने का विनम्र निवेदन किया ,लेकिन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने उनकी बात नहीं मानी । प्रदर्शन स्थल पर लगाए गए टेंट तंबूओं को भी पुलिस बल ने वहां से उखाड़ फेंका ।पुलिस की इस कार्रवाई का माननीय राहुल गांधी ने घोर विरोध किया और उन्होंने कहा शाहीन बाग के
प्रदर्शनकारियों को भगाना और उनका टेण्ट उखाड़ फेंकना यह लोकतंत्र की हत्या है, पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए था।दिल्ली में आज लाकडाउन लागू होने से 31मार्च तक सभी सीमाएं सील कर दी गई हैैं तथा दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है ।इसी के
चलते प्रदर्शनकारियों को वहां से हटना पड़ा ।दिल्ली पुलिस द्वारा एक घण्टे में प्रदर्शनकारियों से यह स्थल खाली करवाया गया । दिल्ली पुलिस का कहना है शांतिपूर्ण तरीके से यह स्थल हम खाली कराना चाहते थे ,वही प्रदर्शनकारियों का आरोप है, हम स्वयं ही पीछे हट गए। जो भी हो यदि प्रदर्शनकारी वहां बने रहते तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता था ।इससे पूर्व शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करने वाली महिलाओं का कहना ही था , हम भले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाएं लेकिन शाहीनबाग नहीं छोड़ेंगे ।यह उनकी अनावश्यक मांग थी जिस पर सरकार का विचार करना अब लगभग संभव नहीं था। आखिर एक न एक दिन तो धरना प्रदर्शन तो खत्म ही होना था जो आज हो गया।