रामनगर रेलवे ओवरब्रिज का जिला स्तरीय पेपर वर्क पूरा, परियोजना जल्द हो सकती है शुरू
मनोज कुमार राजौरिया इटावा: रामनगर रेलवे क्रासिंग पर प्रस्तावित ओवरब्रिज (आरओबी) परियोजना को अब पंख लग गए हैं। डीएम जेबी सिंह ने निर्माण से पहले आवश्यक क्लोजर सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। यह सर्टिफिकेट इस कड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अब परियोजना का सतही काम पूरा हो चुका है। अगले तीन चार महीनों में इस परियोजना को मंजूरी भी मिल जायेगी।
रामनगर आरओबी को रेलवे ने वर्ष 2013-14 में स्वीकृत कर दिया था। रेलवे को राज्य सरकार से इस परियोजना को लेकर हरी झंडी मिलनी थी। रेल लाइन के ऊपर के हिस्से पर पुल का निर्माण रेलवे को करना है। बाकी दोनों तरफ की एप्रोच राज्य सेतु निगम को तैयार करना है। रेलवे ने अपने हिस्से की परियोजना स्वीकृत कर दी। राज्य सरकार ने इस तरफ कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। फलस्वरूप फाइल रेलवे मंत्रालय में ही धूल फांकती रही। भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया आरओबी निर्माण को लेकर लोकसभा में मामला उठा चुके हैं। इसके बाद ही आरओबी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हुई।
राज्य सेतु निगम और रेलवे के बीच फिजिबिल रिपोर्ट पर संयुक्त हस्ताक्षर होने के बाद सेतु निगम ने आरओबी निर्माण के लिए करीब 55 करोड़ रुपये का खर्च आंका। अब इस प्रक्रिया में वन विभाग, विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग एवं नगर पालिका परिषद को अपने अपने हिस्से का काम कराने के लिए बजट का आंकलन देना है। वन विभाग को रास्ते के पेड़ काटने हैं। विद्युत विभाग को अपनी 11 हजार एवं एलटी लाइनों को शिफ्ट करना है। दूरसंचार विभाग को ओएफसी सहित अन्य भूमिगत केबलों को तथा नगर पालिका को अपनी पेयजल आपूर्ति एवं सीवर लाइन को शिफ्ट करना है। नगर पालिका ईओ अनिल कुमार ने अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार करके भेज दी है। नगर पालिका ने पेयजल लाइनों एवं सीवर लाइन की शिफ्टिंग के लिए 1.30 लाख रुपये का बजट मांगा है। इसी प्रकार बिजली विभाग ने करीब 1.70 लाख एवं दूरसंचार विभाग ने 12 लाख रुपये का बजट मांगा है। सेतु निगम इन विभागों को सर्वे के आधार पर की गई डिमांड के अनुसार धनराशि जारी करेगा। इसके बाद सभी विभाग पुल निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने में अपने अपने हिस्से का काम पूरा कराएंगे। वन विभाग
की रिपोर्ट अब आनी शेष है।
सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक नवाब सिंह नेे बताया कि जिलाधिकारी का क्लोजर सर्टिफिकेट मिल चुका है। अब पुन: नए सिरे से आरओबी का स्टीमेट शासन को भेजा जाएगा। रेलवे अपने हिस्से के पुुल के निर्माण को पहले ही स्वीकृत कर चुकी है। अब सेतु निगम और रेलवे के बीच एमओयू साइन होने के बाद शासन से बजट आवंटित होगा। इस प्रक्रिया में दो तीन महीने का समय लग सकता है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पुल का निर्माण शुरू होने से पहले की प्रारंभिक औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
यह होता है क्लोजर सर्टिफि केट
इटावा। किसी भी आरओबी के निर्माण से पहले क्लोजर सर्टिफिकेट जारी होना जरूरी होता है। बगैर इस सर्टिफिकेट के परियोजना स्वीकृत नहीं की जा सकती। इस सर्टिफिकेट में जिलाधिकारी को यह प्रमाणपत्र देना होता है कि ओवरब्रिज का निर्माण पूरा होने पर रेलवे क्रासिंग को स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा।