प्रधानमंत्री द्वारा कोरोना के कारण 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील
सुनील पांडे : वरिष्ठ पत्रकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ )द्वारा कोरोना (कोविड 19 )को एक वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया है। आज दुनिया की आधी से अधिक आबादी पर इस वायरस के चलते संकट आने का आसार दिखाई पड़ रहे हैं। इस महामारी का इलाज पूर्णतया अभी तक संभव नहीं हो पाया है और न ही अभी तक इसका कोई वैक्सीन ही बनाया जा सका है। अमेरिका इसकी वैक्सीन बनाने की बात कर रहा है ,लेकिन यदि इसके बचाव की वैक्सीन बन भी जाएगी तो उसे बाजार में पूरी तरह आने में महीनों लग सकते हैं। इस महामारी से बचाव हेतु केवल साफ सफाई एवं रहन-सहन में पूर्णतया सावधानी बरतने की जरूरत है। इस महामारी की भयावहता का
अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चीन , इटली सहित दुनिया की अन्य देश देशों में अब तक लगभग 1,75,000 से अधिक लोग के संक्रमण में आने तथा 7,000 से अधिक लोग की जान गवाने की सूचना है ।भारत में अब तक संक्रमित लोगों की संख्या 200 से ऊपर पहुंच गई है और चार लोगों की मौत भी हो चुकी है । महाराष्ट्र में संक्रमित लोगों की संख्या सर्वाधिक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा है कि रविवार को 1 दिन सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक जनता कर्फ्यू के तहत 14 घंटे तक सब लोग अपने अपने घरों में रहें। शनिवार तक अपना जो भी जरूरी काम है निपटा लें। इस महामारी के प्रति भारत की सजगता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधे घंटे के
राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि कोरोना ने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है,प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे जितने वर्तमान समय में इस महामारी से प्रभावित दीख रहे हैं । प्रधानमंत्री द्वारा की गई इस जनता कर्फ्यू की अपील का हम सभी भारत वासियों को पूर्णतया पालन करना चाहिए। आज देश जिस विषम स्थिति से गुजर रहा है उसमें किसी भी राजनीतिक दल या समाजसेवी संगठनों को इस मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सभी धर्मों के मानने वाँले लोगों को अपने अपने धार्मिक दिनों पर जाने वाले मंदिर, मस्जिद , गुरुद्वारे एवं गिरजाघरों में जाने से तब तक बचना चाहिए जब तक इस महामारी पर काबू ना पा लिया जाए ।हम सब जानते हैं कि जान है तो जहान है यदि हम लोग सुरक्षित रहेंगे तो ही पूजा ,अजान,अरदास एवं प्रार्थना में शामिल हो पाएंगे ।भारत सरकार भी पूरी तरह से इस महामारी के प्रति सजग और चौकन्नी है और हम सब को भी सजग और चौकन्ना होना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री द्वारा इस एकदिवसीय बंदी की अपील के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है । भारत सहित दुनिया के वैज्ञानिकों एवं वायरस विशेषज्ञों का मानना है कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी संक्रमण का भारत में दूसरा दौर चल रहा है और आगे तीसरा दौर भी आएगा, लेकिन प्रयास यह होना चाहिए कि इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन की गति को कम किया जाए। भारत सरकार ने इस ओर कठोर कदम उठाते हुए 22 मार्च से 29 मार्च तक सभी देशों से आने जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने की घोषणा की है ।विशेष परिस्थितियों में ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति प्रदान की जाएगी । इसके पूर्व यूरोपीय संघ के अलावा 5 अन्य दैशों की उड़ानों पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब रेल, सड़क परिवहन पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है । भारत के नागरिकों को संकट की घड़ी में अपने देश एवं सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए यही राष्ट्र धर्म एवं राज धर्म दोनों है।