जनपद प्रतापगढ के सभी पांचों तहसीलों में सदर, पट्टी ,लालगंज, कुंडा, रानीगंज में NPR बाॅयकाट आंदोलनके पहले चरण का आगाज हुआ

संवाददाता गुलाब चंद्र : प्रतापगढ जिले मे सभी पांचों तहसीलों में सदर, पट्टी ,लालगंज, कुंडा, रानीगंज में NPR बाॅयकाट आंदोलनके पहले चरण का आगाज हुआ।
हरिकेश गौतम जी अगुआई में अन्दोलन व बहुजन क्रांति मोर्चा के जिला संयोजक एड0 राजेंद्र यादव जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमें जिले के जिलाधिकारी , पुलिस अधीक्षक और सभी तहसीलों के उपजिलाअधिकारी और सीईओ और पुलिस प्रशासन ने भरपूर सहयोग किया। जिसके लिए प्रतापगढ में आनंदोलन मे शामिल हुए सभी संगठनो की तरफ से सभी जिला प्रशासन को धन्यवाद, तहे दिल से शुक्रिया एवं आभार ।
इस आंदोलन में शामिल हुए लोगों का और इस आंदोलन का समर्थन देने वाले सभी भारतीय लोगों का धन्यवाद तहेदिल से शुक्रिया आभार ।
जिसमें ‘बहुजन क्रांति मोर्चा‘ के नेतृत्व मे अनेको संगठन और पार्टी भी समर्थन दिये सहभागी भी रहे जिसमें मुख्य रूप से *बहुजन मुक्ति पार्टी, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, भारत मुक्ति मोर्चा, इंडियन लाॅयर्स एशोसिएशन, भीम आर्मी इत्यादि।
4 मार्च 2020 को धरना प्रदर्शन किया गया और महामहिम राष्ट्रपति जी को उपजिलाअधिकारी जी* के माध्यम से ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रीय स्तर पर संगठित रूप से NPR का वायकाॅट करना है ।यह केंद्र सरकार के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी संघर्ष होगा ।NPR बायकाॅट आंदोलन में शामिल अन्य मुद्दे
1-CAA/NRC के विरोध में।
2- EVM के विरोध में ।
3-DNA Based NRC के समर्थन में ।
4- OBC की जाति आधारित गिनती न करने के विरोध में।
5- पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है ऐसा कहकर आरक्षण समाप्त करने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया और बीजेपी सरकार ने इस अधिकार को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया और कांग्रेस ने निजीकरण का कार्यक्रम शुरू करके आरक्षण विरोधी षड्यंत्र की शुरुआत की थी इसके विरोध में ।
6- सरकारी कम्पनियों को ओने -पौने दामों में उद्योगपतियों को बेचने के विरोध अर्थात निजीकरण के विरोध में ( रेलवे, एलआईसी, एयर इंडिया, बीपीसीएल, बैंक आदि)।
7-आदिवासियों को हिंदू बनाने के षड्यंत्र के विरोध में।
8-आदिवासियों के धर्म को मान्यता न देने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में।
9-संविधान की पांचवी और छठीं अनुसूची खत्म करने के विरोध में ।
10- डॉ बाबासाहेब आंबेडकर और गांधी के बीच में जो पूना पैक्ट हुआ था उसमें अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ बाबासाहेब आंबेडकर का हस्ताक्षर था और सहमति थी। पिछले 70 साल से अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति के किसी भी संगठन या नेतृत्व के द्वारा सहमति नहीं ली गई कि आरक्षण बढ़ाया जा रहा है। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर समझ गए थे कि हमें सही और सच्ची प्रतिनिधित्व के अधिकार से वंचित किया जा रहा है । ऐसे नॉमिनेटेड प्रतिनिधित्वि के विरोध में ।
11-घुमंतु जातियों को राष्ट्रीय मान्यता ना देने के विरोध में। लिंगायत व सिख धर्म को स्वतंत्र मानता ना देने के विरोध में ।
12-एससी, एसटी ,ओबीसी तथा धार्मिक अल्पसंख्याक पर देश भर में हो रहे अन्याय- अत्याचार के विरोध में ।
13- महिलाओं पर हो रहे अन्याय -अत्याचार और उनके शारीरिक -मानसिक उत्पीड़न के विरोध में ।
14- माॅयनारिटी के खासतौर (सिख ,मुस्लिम और क्रिश्चियन) लिए कम्युनल राॅयट्स प्रिव्हेन्शन एक्ट न बनाने के विरोध में ।
15- सफाई कर्मियों के सरकारी काम को ठेकेदारी प्रथा में बदलने की विरोध में ।
16- किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना ज्यादा दाम न देने के विरोध में होगा राष्ट्रीय बाॅयकाट आंदोलन।