जयसिंह (आईआईएस) ने गरीब मजदूरों के लिए कि भोजन की व्यवस्था
संवाददाता गुलाब चंद्र गौतम : 30 मार्च/लखनऊ/ जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस के महामारी से परेशान है, वही भारत में 21 दिन के लॉक डाउन की वजह से गरीबों व मजदूरों का काम छीन गया है। उन्हें खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं । भारत के गरीब मजदूर एक
टाइम भोजन के लिए मोहताज है। सरकार के अथक प्रयास के बाद भी सभी को खाना खिलाना संभव नहीं हो पा रहा है। मास्क और सैनिटाइजर बांटना तो दूर की बात है।
इसी लॉक डाउन में पूर्वांचल के बहुत से मजदूर लखनऊ के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं ना उनके पास कोई काम धंधा है और ना ही खाने के लिए कोई व्यवस्था। यहां तक की वह अपने गांव घर भी नहीं जा सकते। इस परिस्थिति में उनको भूखा रहना पड़ रहा है। गरीब मजदूरों के हालात को देखकर जयसिंह ने अपने मोहल्ला पंडित खेड़ा, कृष्णा नगर, लखनऊ में फंसे हुए 20 से 25 गरीब मजदूरों की खाने की व्यवस्था आज आज से 14 अप्रैल तक अपने पास से करने का फैसला लिया और आज से ही सब्जी पूड़ी बनवा कर मजदूरों को दोनों टाइम भरपेट भोजन करवाने की प्रतिदिन व्यवस्था खुद संभाली है ।
हमारे संवाददाता से बात करते हुए जय सिंह ने बताया की देवरिया,गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, आजमगढ़ सहित सिवान (बिहार) के गरीब मजदूर यहां पर मकान बनाने व रिक्शा चलाकर अपना पेट पालन करते हैं। लॉक डाउन की वजह से कोई भी मजदूर अपने घर नहीं जा पाया। काम धंधा बंद हो जाने के कारण भोजन व जीवन बचाने की समस्या उत्पन्न हो गई । इन सब के पास जब तक राशन था तब तक खाए पिए, अब इनके पास खाने-पीने का कुछ नहीं बचा है इन गरीबों को किसी से मदद की उम्मीद नहीं दिखा तो तीन-चार मजदूर मेरे आवास पर आए, और अपना जीवन बचाने की गुहार करने लगे । फिर हमने उन सभी के लिए लॉक डाउन खुलने तक दोनों टाइम खाना खिलाने का जिम्मा खुद लिया और आज से ही सुबह पुड़ी-सब्जी और रात को चावल दाल खिलाकर पेट भरने की व्यवस्था किया हूं । यह मेरा सौभाग्य है कि किसी गरीब की पेट भर कर उनका जीवन बचाने का प्रयत्न कर रहा हूं । मुझे खुशी है ।
आपको बताते चलें कि ऐसे विपत्ति की घड़ी में ऐसे शख्सियत की आवश्यकता है। आप भी अपने घरों के आसपास फंसे हुए गरीबो को भोजन कराकर सहयोग कर सकते हैं। इस महामारी से लड़कर हमसभी सुरक्षित रहकर देश को मजबूत बनाने में अपना योगदान दे सकते है।