मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में पुस्तक मेला का आयोजन
मनोज कुमार राजौरिया इटावा : राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मातृभाषा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रोजेक्टर के माध्यम से कामन हाल में मातृभाषा पर केंद्रित एक वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया। इसमें सूरीनाम जैसे विदेश में गिरमिटिया के रूप में गए लोगों के अपनी मातृभाषा के संरक्षण के लिए किए गए प्रयास को मुख्य थीम के रूप में रखा गया।
इसके बाद महाविद्यालय के कॉमन हॉल में साहित्यिक कृतियों की एक प्रदर्शनी लगाई गई। इसका संयोजन हिंदी विभाग ने किया। विभाग के अध्यक्ष डा. रमाकांत राय ने अपने निजी संग्रह से धार्मिक साहित्य, यात्रा वृत्त, आत्मकथा, कहानी, उपन्यास, कविता, गांधी साहित्य आदि विभिन्न विधाओं की पुस्तकों को सबके अवलोकन के लिए रखा। उन्होंने वर्तमान समय में प्रकाशित हो रही साहित्यिक पत्रिकाओं का भी एक कोना बनाया। इसमें डा. रमाकांत राय की लिखी किताब हिंदू-मुस्लिम रिश्तों के बहाने राही के उपन्यास और डॉ. अजय दुबे की हालिया संपादित पुस्तक श्पर्सपेक्टिव ऑफ एनवायर्नमेंटल डिग्रेडेशन एंड सस्टेनेबल डेवलोपमेंट्स विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रिपुदमन सिंह ने कहा कि किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। हम इनके साथ हर समय रह सकते हैं। दु:ख में, सुख में हर्ष और ग्लानि में हम पुस्तकों के साथ अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किताबें वर्तमान समय में ज्ञान का सबसे बेहतरीन और आसान द्वार हैं। इस अवसर पर अनौपचारिक बातचीत में हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. रमाकांत राय ने कई पुस्तकों के बारे में बताया। कहा कि कठिन समय में पुस्तकों ने उन्हें सबसे अधिक सहारा दिया है।
पुस्तक प्रदर्शनी में महाविद्यालय के मुख्य शास्ता डॉ. श्यामपाल सिंह, चंद्रप्रभा, डॉ. अजय दुबे, दुर्गेशलता, रेखा, डॉ अमित कुमार, सपना वर्मा और श्यामदेव यादव सहित बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं