Bihar. News चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु जिलास्तरीय कर्मशाला का हुआ आयोजन

संवाददाता मोहन सिंह बेतिया
जिलाधिकारी, कुंदन कुमार की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण हेतु जिलास्तरीय कर्मशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, अनिल कुमार, उप निदेशक, प्रक्षेत्र, कृषि विभाग, बिहार, कृष्ण बिहारी, जिला कृषि पदाधिकारी, विजय प्रकाश, जिला मत्सय पदाधिकारी, गणेश राम, जिला सहकारिता पदाधिकारी, अमृतांश ओझा सहित अन्य अधिकारी सहित कृषणगण श्री राघव शरण प्रसाद, अमरेन्द्र यादव, आर्यन कुमार, राजकुमार प्रसाद, गिरेन्द्र नाथ तिवारी, दिनेश सिंह, कन्हैया लाल कुमार आदि उपस्थित रहे।
जिलास्तरीय कर्मशाला में फॉर्म-टू-फोर्क, किसानों की आमदनी कैसे बढ़े, कृषि उत्पादों का वैल्यू एडिशन कैसे हो, इस पर विशेष विचार-विमर्श किया गया। इसके साथ ही मैक्सिमम वैल्यू एडिशन की ओर किसानों का रूझान, मार्केटिंग की व्यवस्था, नए टेक्नोलॉजी का उपयोग, जिले में बीज उत्पादन, कृषि संयंत्रों का निर्माण, हाई वैल्यू क्रॉप, हर्बल एवं एरोमेटिक प्लांटेशन, ओरनामेंटल फिशरिज, फ्लावर प्लांटेशन, ड्रोन तकनीकी का उपयोग, ड्रोन पॉयलट को ट्रेनिंग, ड्रोन खरीद में सब्सीडी, रेफ्रिजेरेशन वैन आदि पर चर्चा की गयी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि किसानों के बीच स्वॉयल हेल्थ कार्ड का वितरण लगातार कराया जा रहा है। मृदा की जांच कराने के उपरांत ही आवश्यकतानुसार खेतों में उर्वरक, कीटनाशक का प्रयोग कृषकगण करें। इससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा। किसानों को फायदा मिलेगा, उत्पादकता बढ़ेगी, उर्वरक की किल्लत नहीं होगी। अनावश्यक रूप से उर्वरक एवं कीटनाशक के प्रयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति दिन-प्रतिदिन कमजोर हो जाती है तथा उत्पादकता प्रभावित होती है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए किसानों को मृदा की जांच कराने के उपरांत ही आवश्यकतानुसार उर्वरक एवं कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्ययोजना तैयार कर कार्रवाई की जा रही है। इस कार्य में किसनों की सहभागिता नितांत ही आवश्यक है। किसानों को परंपरागत खेती-किसानी से आगे बढ़कर नये टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर अपनी स्थिति को सुदृढ़ करनी होगी। जिला प्रशासन द्वारा इस कार्य में हर संभव मदद की जायेगी।
उन्होंने कहा कि किसान पंरपरागत खेती-किसानी के अलावे कृषि एलायड, फिशरिज, गोट्री, पोल्ट्री सहित मखाना एवं मशरूम कल्टीवेशन, हर्बल, एरोमेटिक एवं फ्लावर प्लांटेशन, जेरेनियम, सैफरन आदि का उत्पादन, ओरनामेंटल फिशरिज कर आगे बढ़ सकते हैं।
कर्मशाला में राघव शरण प्रसाद, अमरेन्द्र यादव, आर्यन कुमार, राजकुमार प्रसाद, गिरेन्द्र नाथ तिवारी, दिनेश सिंह, कन्हैया लाल कुमार आदि कृषकगण द्वारा अपने-अपने सुझावों से अवगत कराया गया तथा कुछ समस्याओं से भी अवगत कराया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा पांच कृषकों के बीच स्वॉयल हेल्थ कार्ड का भी वितरण किया गया। स्वॉयल हेल्थ कार्ड प्राप्त करने वालों में भूपनारायण राय, रामनरेश राय, अमला राय, बलिराम राम, अखिलेश राम के नाम शामिल हैं।