बेमौसम बारिश के बाद किसान सरकारी नुकसान सर्वे को देख हुए बैचैन
संवाददाता मनोज कुमार राजौरिया : बेमौसम बरसात और ओले गिरने से किसानों की फसल का एक बड़ा हिस्सा बर्वाद हो गया है लेकिन सरकारी सर्वे में बेहद कम नुकसान दिखाए जाने के कारण किसान परेशान है क्योकि ऐसे तो उन्हे मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा। प्रकृति के बाद अब इस सरकारी सर्वे ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया गया है।
जसवंतनगर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सर्वे के नाम पर खानापूर्ति कर ली गई है और खेतों में जाकर देखा ही नहीं। सड़क किनारे के जिन खेतों में फसल खड़ी थी उसे देखकर नुकसान का आंकलन कर लिया है जो सरासर गलत है। ताखा और सैफई में भी नाममात्र का नुकसान दिखाया गया है जो किसानों को परेशान कर रहा है।
जसवंतनगर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नुकसान के आंकलन के नाम पर हवाई सर्वे कर लिया गया है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने सड़क के किनारे पर स्थित जो खेत थे उनकी सड़क पर गाड़ी से उतर कर फोटोग्राफी कर ली जबकि और शासन को रिपोर्ट भेज दी। सच्चाई यह है कि बलरई क्षेत्र के मौजा नगला सलहदी, नगला तौर, नगला रामसुन्दर, बलरई के कई किसानों के खेतों पर गेंहू ओर जौ की फसल तो जमीदोज हो गई। चने के खेतों में चने के पेड़ पर कोई भी फूल नहीं रहा । पेड़ चेंपा रोग के कारण पीले रंग के हो गए हैं। नगला तौर के लवकिशोर का कहना है कि उनके 15बीघा गेंहू जमींदोज हो गए हैं। नगला तौर के किसान महेश प्रसाद ने बताया कि नगला सलहदी में उनके 10 बीघा चना और9 बीघा जौ की फसल वर्वाद हो गई है। आलू की जो पैदावार निकलनी थी वो भी नहीं निकली। 20पैकेट प्रति बीघा के हिसाब से निकले हैं। नगला रामसुन्दर में चने की फसल को किये हुए किसान राजकिशोर पाठक ने बताया कि उनके चने की फसल पूरी तरह वर्वाद हो गई है। किसान गिरिराज पाठक ने बताया कि उनके गेहूँ और जौ की फसल जमीन पर लेट गई है और चना भी वर्वाद हो गया है। चने के पेड़ भी पीले रंग के हो गए हैं।
इसी तरह ताखा क्षेत्र में भी फसल की काफी बर्वादी हुई है लेकिन यहां भी नुकसान नहीं के बरावर दिखाया गया है। इससे किसान परेशान हैं उन्हे लग रहा है कि उन्हे इसका मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा।
ताखा के ग्राम पंचायत मोहरी के राधाकृष्ण मिश्र, विजयकृष्ण, मुसाहिब खां, दिनेश बाथम, रामनिवास की फसलों का काफी नुकसान हुआ है जबकि सरकारी आंकड़ें इसके विपरीत हैं। भरतपुर के सुनील गुप्ता, सुभाष गुप्ता, संजू बाबू शाक्य, सर्वेश तथा बम्हनीपुर से रामजीवन तिवारी, अहमद अली, राजेश मिश्रा, जितेन्द्र तिवारी, चंदन तिवारी, राधे श्याम की खेतों में पड़ी फसलों का भी काफी नुकसान हुआ है। इनका कहना है कि सरकारी सर्वे में नुकसान नहीं दिखाया है तो उन्हे मुआवजा कैसे मिलेगा। इसी क्षेत्र के गांव रामनगर से महेश चन्द्र तिवारी व रवीन्द्र तिवारी की फसल का भी काफी नुकसान हो गया है।