सुबिख्यात लोक मेला बटेश्वर 75 वर्षों से छोटे व्यापारी सामान बेचकर कर रहे हैं परिवार का जीवन यापन
संवाददाता रनवीर सिंह : सुबिख्यात लोक मेला बटेश्वर में 75 वर्षीय सरोज देवी 50 वर्षो से अपने बेटों देवेश और मुकेश शर्मा मथुरा निवासी बटेश्वर मेले में पंडित जी के प्रसिद्ध समोसे से मशहूर मां सरोज देवी अपने स्वर्गीय पति धर्मपाल के साथ आतीं थीं । पति की मृत्यु के बाद अपने दोनों बेटों के समोसा लेकर मेले में बनाकर बेचते है। जब 50 पैसे का समोसा मेले में बिकता था, जब से मेले में आ रही हैं पंडित जी के प्रसिद्ध समोसे से मशहूर बिना चटनी सब्जी के केवल
समोसे खाकर ही आदमी की तबियत खुश होजाती है। मेले बटेश्वर मेले में आते ही गर्म – गर्म समोसे हर समय तैयार मिलते है समोसे के खाने के शौकीन आकर दुकान पर ही लाइन लगाकर समोसे लेकर खाकर जाते है। बटेश्वर के अलावा इटाबा ।ग्वालियर इलाहाबाद आदि नुमाइसों में जाकर समोसे बेचते है। पंडीजी के प्रशिद्ध समोसे जब तक मेंले में आये सभी दुकान दार व्यापारी खा लेते है, तब तक खाना नहीं खाते है । फोन पर ही समोसे बुक हो जाते है।
उधर बटेश्वर मेले की प्रशिद्ध हींग जो देश विदेश में प्रसिद्ध है मेले में दूर दूर के श्रद्धालुओं बटेश्वर की
प्रसिद्ध हींग खरीद कर ले जाते है। बर्षों से मेले में आर हे हींग व्यापारी अकबर अंसारी ने बताया कि बटेश्वर की प्रशिद्ध हींग दूर दूर से मेले आकर श्रधालु हींग खरीद कर ले जाते है और भोले की नगरी तीर्थ धाम में आकर ब्रह्मबलाल महादेब पर पूजा अर्चना करते है। हींग व्यापारी ने बताया इस साल हींग के कम व्यापारी आये है। हर वर्ष की तरह कुछ कम है।