विचार संवाद : पत्रकार गुलाब चंद गौतम
महिला हेल्प डेस्क से आधी आबादी को मिल रहा न्याय :
प्रतापगढ़ : शासन की मंशा के अनुरूप महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने की मुहिम में थानों में स्थापित महिला हेल्प डेस्क आधी आबादी के लिए वरदान साबित हो रही है। पट्टी थाने पहुंचने वाली महिलाओं को सम्मान से कुर्सी पर बैठाकर उनकी समस्याएं सुनने के बाद त्वरित समाधान किए जाने की पहल से आधी आबादी में खुशी है और वह बेझिझक पट्टी थाने पहुंचकर अपनी समस्याएं महिला । पुलिसकर्मियों से साझा कर रही है। खास बात यह है कि महिलाओं को थाना परिसर में पारिवारिक माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला और युवतियों से हो रही छेड़छाड़ को रोकने के लिए काफी प्रयासरत है। प्रदेश में भाजपा सरकार गठन के बाद हर थाने स्तर पर एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन हुआ। लेकिन अब तक अपराध या उत्पीड़न की शिकायत करने पहुंचने वाली महिलाओं को पुरुष पुलिसकर्मियों से मिलना पड़ता था। ऐसे में महिलाएं अपनी समस्या खुल कर नहीं कह पाती थीं। खासकर पारिवारिक विवाद के मामलों में महिलाओं को अधिक दिक्कतें आती थीं। इससे कई बार महिलाओं की समस्याएं पुलिस समझ नहीं पाती थी और उन्हें न्याय नहीं मिल पाता था। इसी के मद्देनजर शासन की मंशा के अनुरूप सीओ नवनीत कुमार नायक के निर्देश पर पट्टी, आसपुर देवसरा व कंधई थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। थानों में महिलाओं की समस्याएं सुनने के लिए महिला कर्मी को नियुक्त किया गया है। थाने आने वाली महिलाओं को कुर्सी पर बैठाकर आमने सामने उनकी समस्या सुनने के बाद महिला आरक्षी उसका समाधान करती है। यदि मामला गंभीर है, तो उससे सीनियर अधिकारियों को अवगत करातीं हैं। पारिवारिक मामलों में महिला पुलिसकर्मी काउंसलिंग कर मामलों का निस्तारण का प्रयास करती हैं। इसके लिए सभी थानों में तैनात की गई महिला कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया गया है।
सवाल आधी आबादी का :
पहले थाने आने पर डांट कर भगा दिया जाता था। लेकिन सोमवार को जब अपनी समस्या लेकर थाने पहुंची तो हेल्पडेस्क में तैनात महिला पुलिस ने सम्मान पूर्वक कुर्सी पर बैठा कर पूछताछ के बाद मामले का त्वरित समाधान कराया। महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में निश्चित ही यह सराहनीय प्रयास है।
राजकुमारी, कुंदनपुर :
महिला हेल्प डेस्क से काफी सहूलियत मिल रही है। पड़ोसी पहले आए दिन मारपीट कर परेशान करता था और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती थी। इस बार हमारी शिकायत सुनी गई और कार्रवाई भी की गई। इससे अब महिलाओं में भी न्याय की उम्मीद जगने लगी है।