उत्तर भारत के प्रसिद्ध बटेश्वर मेले में दीपदान, कार्तिक पूर्णिमा पर यमुना घाटों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
संवाददाता रनवीर सिंह: उत्तर भारत का लक्खी लोक मेला में सोमवार को बैकुंठ चौदस के मौके पर सोमवार शाम को मोक्ष दायनी यमुना में रानीघाट सहित पातालेश्वर घाट तक यमुना घाटोंपर यमुना में दीप दान किया गया । दीपों की श्रखला से यमुना नदी
झिलमिलने लगी । आकाश गंगा जैसा नजारा यमुना में दीखने लगा। श्रद्धा लुओं ने उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान ।दिल्ली से आकर अपने पूर्वजों के मोक्ष की
काँमना की। पौराणिक तीर्थ बटेश्वर धाम में पूर्वजों के मोक्ष के लिये बैकुंठ चौदस पर दीपदान की मान्यता है ।माना जाता हैकि नदी में दीपदान से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस विश्वास के साथ
बड़ी संख्या में चारों राज्यों से श्रधालु तीर्थ धाम बटेश्वर में पहुंचे । पवित्र यमुना में पांच पांच दीपक आकर समर्पित किये यमुना नदी दीपों से झिलमिला उठी।मंदिर के मुख्य पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि बैकुंठ चौदस पर यमुना में दीप दान करने का बिशेष महत्व है।
तीर्थ धाम बटेश्वर में सोमवार को कार्तिक पूर्णमा पर लोक मेला लगेगा और मोक्ष दायनी यमुना में लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करेगें। पवित्र स्नान के लिए साधु संतों ओर श्रधालु ओं का पहुँचना शुरू होगया है।
तीर्थ धाम बटेश्वर में कार्तिक की पूर्णमा का स्नान करने से बड़ा ही बिशेष महत्व माना गया है। सोमवार को ही श्रद्धालुओं का बटेश्वर पहुंचना शुरू होगया है। और तीर्थ धाम बटेश्वर में मंगलवार को नागा साधुओं के शाही स्नान होगा। महामंडलेश्वर बाबा बालक दास की अगुयाई में सन्त परिक्रमा करेंगे। शाही स्नान के लिए क ई अखाड़ों के सन्त सप्तम को कोसीय परिक्रमा में भाग लेंगे।
उधर तीर्थ नगरी बटेश्वर में यमुना घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मुख्य मंदिर में शीशी कैमरे तथा अन्य मुख्य स्थानोंपर शीशी कैमरे लगाए गए है। घाटों पर 15 वी वाहिनी पीएसी यमुना में मुस्तेद है और गोता खोरों की व्यवस्था की गई है ।
यमुना किनारे बेरीकेटिंग ओर बल्लियां सुरक्षा के लिए लगादी गईं है।मेला कोत वाल बी आर दीक्षित ने सुरक्षा के चलते चप्पे चप्पे पर पुलिस सुरक्षा के लिए तैनाती कर दी गई है।
कार्तिक पूर्णमा पर इस बार महाकार्तिक योग के साथ गुरु वर्षक राशि मे होने से महा सयोंग में देवों की कृपा बरसेगी इस खास संजोग में दान ।पुण्य ओर धार्मिक अनुष्ठान करने वालों को सैकड़ों यज्ञ में फल मिलेगा।घोटों के किनारे दीपदान होगें और पूर्णिमा को यमुना की महाआरती होगी।