उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कृषि विभाग में कृषि प्राविधिक सहायक ग्रेड ||| पद के लिए विज्ञापन नियुक्त से वंचित, 906 वंचित अभ्यर्थियों को केस लड़ने से मिली निजात , अभ्यर्थियों में जगी आशा की किरण
जनवाद टाइम्स संजय कुमार व्यूरो चीफ इटावा : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने कृषि विभाग में कृषि प्राविधिक सहायक ग्रेड ||| पद के लिए विज्ञापन 22/10/2013 को निकाला जिसमें पदों की संख्या सामान्य वर्ग 3616, एससी वर्ग 2211 ,एसटी वर्ग 235 ,ओबीसी वर्ग 566 ,कुल पदों की संख्या 6628 थीं। इन पदों के लिए 30 मार्च 2014 मैं परीक्षा कराई गई। सरकार द्वारा परीक्षा कराने के बाद विज्ञापन में संशोधन 20/8/2014को किया गया जो इस प्रकार है सामान्य वर्ग 2515 ,एससी वर्ग 1882 ,एसटी वर्ग 201 ,ओबीसी वर्ग 2030 कुल पद 6628। परीक्षा परिणाम 15 सितंबर 2014 को घोषित किया गया लोक सेवा आयोग द्वारा साक्षात्कार प्रारंभ करने की तिथि 16 अक्टूबर 2014 को नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर 2014 से प्रारंभ किए जाएंगे। अंतिम चयनित परिणाम 21 मई 2015 को घोषित किया गया जिसमें 6599 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए तथा 29 अभ्यर्थी अन्य विषय के कारण परिणाम रोक दिया गया। माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने रिट संख्या ए 62 112 तथा ए 61 98 पर आदेश दिया की सभी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्त दी जाए परंतु सरकार ने सभी अभ्यर्थियों को नियुक्त नहीं दी सरकार द्वारा दी गई नियुक्ति केवल 5693 जिसमें सामान्य वर्ग 2488, एससी वर्ग 1391 ,एसटी वर्ग 25, ओबीसी वर्ग 1782 ,और 906 अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित रखा गया जो आज तक अपनी नियुक्ति लिए लड़ाई लड़ रहे हैं इस 906 की नियुक्त के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में राजवीर सिंह पुत्र श्री मुनीम सिंह इटावा,संजय कुमार ,विनय चौधरी ,जय सिंह ,विक्रम सिंह तथा अन्य द्वारा रिट डाली गई जिसकी संख्या 79 74/2017हैं। जिसकी सुनवाई जस्टिस आर बनुमथी और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना द्वारा 3 सितंबर ,4 सितंबर तथा 5 सितंबर 2019 ,12सितंबर,16 सितंबर को की गई और आज 17सितम्बर को अंतिम सुनबाई के बाद केस फाइनल कर रिजर्व कर लिया गया है। 906वंचित उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के है।आज सभी906वंचित अभ्यर्थियों को केस लड़ने से मिली निजात।
सुनवाई के बाद वंचित अभ्यर्थियों में खुशी की लहर सी दौड़ गई।
विज्ञापन से संबंधित केस लड़ने निजात की सूचना मिलते ही वंचित अभ्यर्थियों ने विजय संकेत के माध्यम से किया खुशी का इजहार।
माननीय न्यायालय के इस निर्णय से वंचित अभ्यर्थियों में नई आशा की किरण जग गई है।