लखनऊ : लुआक्टा अध्यक्ष डा मनोज पांडेय एवम महामंत्री डा अंशु केडिया एवं समस्त कार्यकारणी उच्च शिक्षा के शिक्षकों एवम समकक्ष संवर्ग को 7 वे वेतनमान के अनुरूप मकान किराया भत्ता दिए जाने के संबंध में विसंगतियों को लेकर संघर्षरत है विगत 30 अगस्त को लुआक्टा प्रतिनिधिमंडल अपर मुख्य सचिव वित्त से मिला एवम वार्ता की अवगत कराया कि उच्च शिक्षा के शिक्षकों को सातवे वेतनमान का लाभ मानव संसाधन विकास विभाग के द्वारा जारी 2 नवम्बर 17 एवम यथासंशोधित आदेश दिनांक 8 नवम्बर17 के द्वारा जारी आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 13 सितम्बर 2018 के शासनादेश द्वारा प्रदान किया गया । किन्तु मकान किराया भत्ते का भुगतान नही किया गया जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को उक्त लाभ 18 जुलाई 18 के शासनादेश द्वारा 1 जुलाई18 से प्रदान कर दिया गया है किंतु लगभग एक वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी उच्च शिक्षा के शिक्षकों को उक्त लाभ से बंचित थे । जिसके कारण शिक्षकों में घोर असंतोष था लुआक्टा द्वारा अपने पत्र दिनांक19 अगस्त19 द्वारा मा उपमुख्यमंत्री जी को परिस्थितियों से अवगत कराया जा चुका है ।
यह भी अवगत कराना है कि दिनांक 4 जुलाई 18 को मा उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा जी के साथ लुआक्टा एवम लूटा की एक संयुक्त बैठक हुई थी तथा मकान किराया भत्ता दिए जाने पर सहमति बनी थी एवम मा उपमुख्यमंत्री जी ने इसे तत्काल शासनादेश जारी किए जाने के निर्देश प्रदान किये गए थे । अवगत कराना है कि मकान किराया भत्ते की पत्रावली पर वित्त विभाग द्वारा अनावश्यक आपत्ति लगाई जा रही थीं । अपर मुख्य सचिव वित्त को सभी तथ्यों एवम शिक्षकों के असन्तोष से भी अवगत कराया गया अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा तत्काल पत्रावली प्रस्तुत किये जाने के निर्देश प्रदान किया गया और वित्त विभाग द्वारा मकान किराया भत्ता दिए जाने की सहमति प्रदान की गई वित्त विभाग की सहमति के पश्चात अब मकान किराया भत्ता प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है और शिक्षकों को यथाशीघ्र वर्तमान दर से प्राप्त भत्ता दो गुना बढ़ जाएगा तथा यथाशीघ्र मकान किराया भत्ते का लाभ सभी शिक्षक साथियों को प्राप्त हो जायेगा । संगठन का जब तक शासन इस विसंगति को दूर नहीं कर देता है , संघर्ष जारी रहेगा, प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष एवम महामंत्री के अतिरिक्त उपाध्यक्ष डा मो इमरान खान एवम अन्य शिक्षक एवं समस्त लुआक्टा कार्यकारणी निरंतर संघर्षरत है।